26 अप्रैल को सुबह 07 बजके 10 मिनट पर बद्रीनाथ धाम का कपाट खुल गया। वैदिक मंत्र उच्चारण के साथ बद्रीनाथ में जयकारा हो रहा है और श्रद्धालु गड़ बद्रीनाथ धाम पहुंचकर दर्शन कर रहे है। बद्रीनाथ का कपाट खुलने के बाद कुछ ऐसे शुभ संकेत मिले, जिसे पुरोहित भी शुभ मान रहे हैं और इसे एक चमत्कार भी बता रहे है।
धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल ने कहा कि घी का कंबल पर भी नहीं सूखने का अभिप्राय है कि देश में खुशहाली होगी। फिलहाल अभी की बात की जाए तो बद्रीनाथ में जमकर बर्फबारी हो रही है। लेकिन घी का दीया सूख नहीं है। किसी चमत्कार से कम नहीं है बताया जाता है कि कपाट बंद होने के बाद भगवान बद्रीनाथ को घी से लपेटा जाता है।
धार्मिक परंपरा है कि कपाट के बंद होने पर भगवान बद्रीनाथ को घी से लप लगाया जाता है और फिर कंबल लपेया जाता है। यह कंबल मारा गांव की महिलाओं के द्वारा तैयार किया जाता है। कुंवारी कन्या और सुहागन इस कंबल को तैयार करती है।
जब कंबल हटाया जाता है तो हटाने के बाद अगर घी नहीं सुखा रहता है तो इस चीज का प्रतीक है कि देश में खुशहाली बनी रहेगी और अगर घी सूख रहा है, तब इस बात का संकेत है कि इस साल अत्यधिक बारिश की आशंका है। इस बार कपाट खुलने के बाद पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से की गई और दूसरी पूजा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नाम से हुई है।