2500 साल पुराना ये मंदिर अपने आप पहाड़ पर चढ़ने लगा देखिए ये चमत्कार

2500 साल पुराना ये मंदिर अपने आप पहाड़ पर

भारत एक ऐसा देश है, जिसे मंदिरों का देश कहा जाता है। भारत के हर राज्य में भगवान की बहुत ही सुंदर प्रतिमाएं और विशालकाय मंदिर पाया जाते हैं और हर मंदिर के अपनी एक अलग कहानी कहती है। जिस वजह से वहां पर मंदिर स्थापित की गई है। इसी भारत देश में कुछ ऐसे राज्यों में बहुत से ऐसे रहस्यमई मंदिर भी पाए गए हैं, जिसका ताल्लुक सीधे-सीधे भगवान से होता है। कहा जाता है कि पृथ्वी पर कई ऐसे मंदिर है जिसे भगवान ने स्वयं ही स्थापित किया है। आज हम एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बात करने जा रहे हैं जो मंदिर दिन प्रतिदिन अपने आकार से बढ़ती चली जा रही है। कहा जाता है कि भारत में स्थित यह मंदिर की स्थापना भगवान शिव ने एक पत्थर से की थी जो धीरे-धीरे बढ़कर एक बड़ी चट्टान का रूप ले ली है।

मंदिर के रहस्य को जानकर चौंक जाएंगे आप

बताते चलें यह घटना बुंदेलखंड के छतरपुर जिले की है। जहां इस मंदिर को अबार माता के मंदिर के रूप में जाना जाता है। साढ़े आठ सौ साल पुराने इस मंदिर का रहस्य बेहद ही रोचक है। जिसे जान आप भी हैरान रह जाएंगे। आपको जानकर हैरानी होगी कि जब मंदिर के स्थापना हुई थी तो तब मंदिर में पत्थर का आकार बहुत छोटा था। कहा जाता है कि शुरुआत में मंदिर की आकार रुक बहुत ही कम फीट की थी लेकिन जैसे-जैसे इसका आकार बढ़ता गया तो यह आकार 70 फीट के करीब पहुंच गयी। हालांकि जब इस मंदिर का आकार छोटा था तब लोग बहुत ही आसानी से भगवान की पूजा अर्चना कर पाते थे। लेकिन जैसे-जैसे इसका आकार बढ़ गया है, यह पत्थर इतना बड़ा हो गया है कि अब ना कोई पूजा कर पाता है और ना ही कोई चढ़ने की हिम्मत करता है।

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आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि यह मंदिर भगवान शिव शंकर का है जिसमें उनकी पूजा की जाती है। इस मंदिर को भगवान शिव के लिए स्थापित किया गया है। यह बात तो हम सभी को पता है कि भगवान शिव बहुत ही दयालु है और यही वजह है कि इन्हें लोग भोलेनाथ भी कहते हैं। शिवजी ही है, जिन्होंने सृष्टि की रचना की है और इनके मर्जी के बिना सृष्टि पर कोई भी कार्य पूर्ण नहीं होता है। कहा जाता है कि शिवरात्रि के दिन यह चट्टान एक तिल और बढ़ जाती है। इस मंदिर को लेकर लोगों की यह आस्था जुड़ी हुई है कि यह इस मंदिर में दर्शन पूजन करने से इच्छाएं पूरी होती है। इतना ही नहीं इस 70 फीट ऊंचे चट्टान को छूने मात्र से निसंतान को संतान की प्राप्ति होती है।

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